हेलो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए ख़ामोशी शायरी लेकर आये है। अगर आप भी ख़ामोशी शायरी ढूंढ रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है। आप इन ख़ामोशी शायरी को अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते है। उम्मीद है कि यह पोस्ट पसंद आएंगे।
ख़ामोशी शायरी हिंदी | Khamoshi Shayari in Hindi
जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.
जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.
दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.
सिर्फ अपनों के प्यार में मत पड़ो
अगर आप नाराज हैं तो आप नाराज हैं तो हमसे शिकायत करें।
खामोश रहने से दिल की दूरियां नहीं पिघलती !
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं!
जब कोई आपसे खामोश रहने की वजह पूछेगा
बहुत कुछ समझाना चाहोगे पर समझा नहीं पाओगे !!
खामोशी पाना भी एक लंबी चुप्पी थी
हमने उनकी सुनी और हमने उनकी भी सुनी!
जब वो खामोश होती है तब मुझे
दुनिया की सबसे महँगी चीज
उनकीआवाज़ लगती है!
मेरी खामोशी हजार जवाबों से बेहतर है
न जाने कितने सवाल उठाये हैं।
हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती!
यह मेरी खामोशी थी जिसने सब कुछ बोर कर दिया
इस दिल में बस उनकी यादें रह जाती हैं
शायद उसकी भी कोई मजबूरी थी
अधूरी रह गई मेरी जिंदगी की कहानी!
हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती
कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है
तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है !
किताब सी शख्सियत दे ऐ मेरे खुदा
सब कुछ कह दूँ खामोश रहकर !
जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है
दो ही साथी बचे हैं अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है!
किसी शोर में मेरी आवाज दब गई
मेरी खामोशी दूर तक सुनाई देगी!
चुप रहो, यह अलग बात है कुछ दर्द ऐसे होते हैं
जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
इश्क की राहों में जिस दिल ने शोर मचा रखा था
बेवफाई की गलियों से आज वो खामोश निकला!
चेहरा पढ़ोगे तो जान जाओगे
मौन का क्या अर्थ है?
इस खामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना
अगर मैं कलम को हिला दूं तो स्याही अभी भी
बहुत दूर जाती है!
मुझे खामोश देखकर तुम इतने हैरान क्यों हो?
कुछ हुआ नहीं है, सिर्फ भरोसा करके धोखा दिया है!
तन्हाइयों से परहेज़ कुछ यूँ भी है
की ख़ामोशी में तेरी आवाज़ सुनाई देती है !
जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है!
एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए!
ख़ामोशी अब और प्रतिभा दोनों को छुपाता है
व्यक्तित्व का मूल्यांकन उत्साह से किया जाता है!
खामोशी बहुत कुछ कहती है
अपने दिल से सुनो, अपने कानों से नहीं!
ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है!
khamoshi status in hindi
ख़ामोशी के कुएँ में उतरो कभी
रेत ही रेत पड़ी है ख़स्ता आवाज़ों की
मुर्दा लफ़्ज़ों के कंकर हैं काई लगी है दीवानों !
मुझे खामोश राहों में तेरा साथ चाहिए
तन्हा है मेरा हाथ तेरा हाथ चाहिए
जूनून ए इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए
मुझे जीने के लिए तेरा ही प्यार चाहिए!
कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था मौसम
आज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है!
बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.
मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.
खामोशी शायरी
बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।
तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.
उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.
जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.
वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए !
मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !
मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह !
khamoshi shayari 2 lines
कुछ तो है हमारे बीच में,
वरना तू खामोश ना होता,
और मैं तेरी खामोशी
पढ़ नहीं रही होती !
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्तां सुनकर
ख़ामोशी तुम समझोगे नही और
बयां हमसे होगा नही !
बड़े ही पक्के होते हैं सच्ची दोस्ती के रंग
ज़िंदगी के धूप में भी उड़ा नहीं करते !
चाहतों ने किया मुझ पर ऐसा असर
जहाँ देखू में देखु तुझे हमसफ़र
मेरी खामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी
मेरी वैचानिया मेरी दास्तान बन गयी !
ये पानी ख़ामोशी से बह रहा है
इसे देखें कि इस में डूब जाएँ!
खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है
पता है मजबूर है तू और में भी
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है!
जब से ये अक्ल जवान हो गयी
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी!
चलो आज खामोश मोहब्बत को एक नाम देते हैं
मौसम से पहले कभी परेशान न हों
अपनी धड़कती इच्छाओं को एक गर्म शाम दें!
जब से उसकी सच्चाई हमारे पास आई
हमारे होठों को तब से खामोशी पसंद है!
हमारी खामोशी हमारी कमजोरी बन गई है
दिल के जज़्बात उन्हें बयां नहीं कर सकता और इस तरह
उनसे दूरी थी!
प्यार कोई बोल नहीं प्यार आवाज नहीं
इक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है!
जो सुनता हूँ सुनता हूँ मैं अपनी ख़मोशी से
जो कहती है कहती है मुझ से मेरी ख़ामोशी!
ख्वाइश तो यही है कि तेरी बाँहों में पनाह मिल जाये
शमा खामोश हो जाये और शाम ढल जाये
और तेरी बाँहों से हटने से पहले ये शाम हो जाये!
यह मेरी खामोशी थी जिसने सब कुछ बोर कर दिया
इस दिल में बस उनकी यादें रह जाती हैं
शायद उसकी भी कोई मजबूरी थी
अधूरी रह गई मेरी जिंदगी की कहानी!
सूरज घाटियों से बाहर आ गया है
फूलों में एक नए रंग की छटा है
तुम चुप क्यों हो अब मुस्कुराओ
तेरी मुस्कान देखने के लिए एक नया सवेरा आया है!
आदमी सब रात के सन्नाटे में इकट्ठा हो गए
कोई रोता हुआ आया तो किसी ने बाल बनाए!
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है!
Khamoshi Shayari For WhatsApp and Facebook in Hindi
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की!
मैं कितनी लंबी खामोशी से गुज़रा
आपने उनसे कितना कुछ कहने की कोशिश की!
हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते!
चुप्पी के तहत भ्रम छुपाएं
क्योंकि शोर कभी भी मुश्किलों को कम नहीं करता !!
हमें आपकी खामोशी के लिए रंग चाहिए थे
हमें एक आवाज की तस्वीर बनानी थी!
तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मज़बूरी है
तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है!
हम एक लंबी चुप्पी से गुजरे हैं
किसी से कुछ कहने की कोशिश !!
तूफान से पहले की खामोशी की तरह
मिरी बस्ती में आज है ऐसा सन्नाटा!
खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से!
खामोशियाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं !
रहना चाहते थे साथ उनके पर इस ज़माने ने रहने ना दिया
कभी वक़्त की खामोशी मे ख़ामोश रहे तो
कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया !
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !
कभी ख़ामोशी बनते हैं कभी आवाज बनते है
हर तन्हाई के साथी मेरे जज्बात बनते हैं !
खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है,
मेरा हर दर्द और हर आह समझती है !
पता है मजबूर है तू और मै भी
फिर भी आंखें तेरे दीदार को तरसती है !
क्यों करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मोहब्बत,
लोग समझते हैं इस बदनसीब का कोई नहीं !
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !
सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !
खामोशी से दर्द सहना अच्छा है
जिनकी याद में दिन भर आंसू बहते हैं
उसके सामने कुछ न कहना अच्छा है!
ख़ामोशी शायरी
ये तुफान यूँ ही नहीं आया है
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी!
गलत बातें चुपचाप सुनें listen
इसमें बहुत सारे फायदे हैं लेकिन
यह अच्छा नहीं लगता!
किसी की चुप्पी का मतलब इनकार नहीं है
आंखें एक दूसरे से मिलती हैं
हर नज़ारा प्यार नहीं होता।
खामोशी भी दिल की भाषा है
जहाँ सब कुछ शब्दों में कह दिया जाता है !!
सन्नाटा अजीब सा शोर करने लगा है
ये कैसी खामोशी है हर एक बात में हमेशा के लिए!
वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!
ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो
आँखों की ज़बाँ से बोलना भी सीखो!
जुबान की बातें हर कोई सुनता है, जो दिल का दर्द जानता है
आवाज़ों के बाज़ार में सन्नाटा कौन जाने!
रगों में सन्नाटा उतरने से ठीक पहले
मेरे मरने से ठीक पहले एक बहुत ही पीड़ादायक आवाज!
रात आई जब हर शाम के बाद
सब कुछ के बाद तुम्हारी याद आती है
हमने खामोश महसूस किया
हर सांस के बाद तेरी आवाज आई!
हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है
हम हर बार खामोश रह जाते है
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है!
ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है!
हम लबों से कह न पाये उन से हाल ए दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है!
मैं उसे भी परेशान करूंगा
मैं भी चुपके से निकल जाऊँगा
जो मुझे छूना चाहता है
कि एक पल में मैं भी बिखर जाऊँगा!
यह लुक उस लुक के साथ बोला
चुप रहो लेकिन फिर भी बात करो
जब प्यार की फिजा मिली खुश
तो दोनों आँखों ने बारिश को रुला दिया।
दुनिया के लोगों ने हमारे कारनामों का शोर मचाया है
जब भी हमने कुछ किया है, मौन में किया है!
हम उनसे मुहब्बत नहीं बता पाए हल-ए-दिल कभी
और उसे समझ में नहीं आता कि यह चुप्पी क्या है!
भूल गए हैं लफ्ज़ मेरे लबों का पता जैसे
या फिर खामोशियों ने जहन में पहरा लगा रखा है!
किताबों से ये हुनर सिखा है हमने
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !!!
दर्द को दूर ले जाता है
ख़ामोशी अनावश्यक नहीं है
सूरज घाटियों से बाहर आ गया है
फूलों में एक नए रंग की छटा है
तुम चुप क्यों हो अब मुस्कुराओ
तेरी मुस्कान देखने के लिए एक नया सवेरा आया है!
जिन्हों ने सजाये यहा मेले सुख दुख संग संग
झेले वही चुनकर खामोशी यूँ चले जाये अकेले!
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.
दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।
मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.
ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.
हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.
चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.
राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.
रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.
उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.
मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.
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