हेलो दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ तारीफ शायरी शेयर करने जा रहे है। आप इन शायरी को सोशल के जरिये अपने दोस्तों परिजनों के साथ शेयर कर सकते है। उम्मीद है के आपको यह पोस्ट पसंद आएगी।
200+ तारीफ शायरी - Tareef Shayari in Hindi
वो बला की शोख़ी देखी है तेरी नज़रो मैं
वो हुस्न वो नजाकत वो बेकाबू जुल्फ की घटा
क्या क्या बयान करू मैं ऐ शोख हसीना
हर बात बेमिासल है तेरे हुस्न की
क्युकी में तुम्हे वैसे ही पसंद किया है जैसे तुम हो
कल तुम्हारा तारीफ करना अच्छा लगता था तो
आज दूर रहना,रुक जाना यह भी सही है।
कौनसे कलम से तारीफ लिखू,
के लिखते लिखते सियाही ख़त्म होजाती है,
कौनसी भाषा में वर्णन करू के
शब्द लुप्त हो जाते है, एक बात बताओ,,
ये सभी तुम्हारी आँखों में यूँ खो जाते है।
जरा अपने होंठ लाना मेरे पास मुझे कुछ काम है
गलत मत समझो रात नहीं हुई सिर्फ शाम है,
सिर्फ इंसान ही नहीं मरते है आप के इस हुस्न पर
मुड़ कर देखिये पीछे तितलियों की पूरी आवाम है।
एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है और
एक लम्हा है जो तेरे बगैर गुज़रता नही !
आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गई
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई !
हुस्न वालो को संवरने की क्या जरूरत है
वो तो सादगी मे भी क़यामत की अदा रखते है !
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहब
कभी-कभी मै खुद को भी जहर लगती हूं !
इन आँखो को जब जब
उनका दीदार हो जाता है
दिन कोई भी हो लेकिन मेरे
लिए त्यौहार हो जाता है !
वो तारीफे करते रहते है
हम शायरी करते रहते है
वो कुछ कहते नही ओर
हम इंतज़ार करते रहते है !
में किसी और को देखु, तो उसे बुरा लगता है,
में वक़्त पे बात न कृ तो उसे बुरा लगता है
कहती है कभी मेरी तारीफ में भी लिखा करो
मेरा हर वक़्त बेवफाईयाँ लिखना उसे बुरा लगता है।
तेरे हसन का करू ही क्या में तारीफ तू जो एक
बार मुस्कुरादे तो इश्क़ मेह पड़जाये ये पूरा महफ़िल।
तुमको देखा तो मोहब्बत भी समझ आयी
वर्ण इस लफ्ज़ की सिर्फ तारीफ सुना करते थे।
क्या ख़ाक करू उस चाँद की तारीफ में,
जो हर लम्हा डूब जाता है, अब तोह चाँद
को भी तैरना सीखना है।
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जहाँ तारीफ करनी हो वहां हर कोई चुप हो जाता है
और बुराई करने के लिए गूंगे भी बोल पढ़ते हैं।
खुवाहिश ये नहीं की
मेरी तारीफ हर कोई करे
कोशिश ये ज़रूर है, कोई बुरा न कहे.
तारीफ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
खुशबू खुद बता देती है कौन सा फूल है।
इज़्ज़त और तारीफ मांगी नहीं जाती
कमाई जाती है।
कभी आप अपनी तारीफ सुन कर शक में पर जाएँ
तोह यक़ीन करें आपको अकाल आ चुकी है।
जो लव्स तेरी तारीफ करते नहीं थकते थे
आज वो तेरा नाम तक नहीं लेना चाहते है।
सब तारीफ कर रहे थे अपने प्यार की
हम नींद का बहाना दे कर महफ़िल छोड़ आये।
क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार
अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।
उनकी एक मुस्कराहट ने हमारे होश उड़ा दिए
हम होश मे आ ही रहे थे की वो फिर मुस्कुरा दिए !
तेरे हुस्न को परदे कि जरुरत क्या है
कौन रहता है होश में तुझे देखने के बाद !
दुनिया मे तेरा हुस्न मेरी जान सलामत रहे
सदियो तक जमी पे तेरी कयामत रहे !
लाजवाब हुस्न रंगीन मौसम सांझ है
तेरी चाल मे तू परी है जन्नत से उतरी
हम पागल है हर हाल मे !
चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर
तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर !
ऐसी कोई तारीफ ही नही है
जो तुम्हारी तारीफ कर सके !
नही भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा
तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है !
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हुस्न का बिखरा शबाब यहां हर तरफ
बंद करता हूं नजर तो दिल हो जाए खराब !
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,
तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,
खूबसूरती की इंतेहा है तू…
तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
खूबसूरत क्या कहा दिया उनको
हमको छोड़ कर वो शीशे की हो गयी
तराश नहीं था तो पत्थर जैसी थी
तराश दिया तो खुदा हो गयी..
तेरे नैनो की शोख अदाओं ने हमे लूटा लिया
तेरी झील सी गहरी आँखों ने हमे लूटा लिया
हम तो लूट चुके है इस कदर ऐ हसीं ख्वाब
अब डरता हूँ कहीं कोई लूट न ले मेरे ख्वाब
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।
अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे और
वो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी..!
बेवफाई की तारीफ मैं क्या करूं
वो जहर भी हमें किस्तों में देते रहे..!
लोग मेरी शायरी की तारीफ कर रहे है
लगता है दर्द अच्छा लिखने लगा हूं मैं..!
नायब था अंदाज उसका
जमीन से आसमान तक
हर चीज में तारीफ करते
खुदा ने बनाया है हसीन आपको !
तारीफ शायरी
कितनी खूबसूरत आंखें हैं
कभी हमें भी तो रूबरू करा दिया करो
इस चेहरे में कितनी और खूबियां है
जरा हमें भी तो दिखा दिया करो..!
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मे हो जाता हूँ
तेरी तारीफ किये बिना मै रह नहीं पाता हूँ !
है होठ उसके किताबो मे लिखी तहरीरो जैसे
ऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है !
आसमा मे खलबली है सब यही पूछ रहे हैं
कौन फिरता है ज़मी पे चाँद सा चेहरा लिए !
अपना इक-इक वादा इस तरह निभाना है
तुम को मेरे आँगन मे चाँद बन के आना है !
मुझे दुनिया की ईदो से भला क्या वास्ता यारो
हमारा चाँद दिख जाये हमारी ईद हो जाये !
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले
तन्हाई मे खुद अपनी तस्वीर न देखा कर !
काटे नही कटते लम्हे इन्तजार के
नजरे बिछाएं बैठे है रास्ते पे यार के !
कैसे बयान करे सादगी अपने महबूब की
पर्दा हमी से था मगर नजर भी हमी पे थी
वो अपने चहरे में सो आफताब रखते हैं,
इसलियें तो वो रूह पर नकाब रखते हैं,
वो पास बैठे हो तो आती हैं दिलरुबा खुशबू,
वो अपने होठो पर खिलते गुलाब रखते हैं।
इन आँखों को जब जब उनका
दीदार हो जाता है
दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए
त्यौहार हो जाता है
जब करते है तारीफ उनकी तो चाँद सितारे अपनी आँखे
मलने लगते है, जब चा जाते है नज़रो की गेहराइओ में
उनकी तो कुछ अपने जलने लगते है।
आपके सामने जो दूसरों की
बुराई कर रहा है आप उससे ये
उम्मीद मत रखना के दुसरो के
सामने आप की तारीफ ही करेगा।
लफ्ज़ो की लड़ाई हुई तेरी तारीफ के चक्कर में,
क्यों दूर चला गया तेरी तन्हाई से अक्सर में,
लड़खड़ाया कभी कभी उठा खुद से गिरके में,
क्यों ढूँढा तूने इश्क़ दूसरों क जिस्म में।
फिज़ाओ में रंग बिखेरे तुम्हारा चाँद सा चेहरा
मुझे बेचैन कर जाये तुम्हारा मासूम चाँद सा चेहरा
मेरी खातिर सँवरता है तुम्हारा चाँद सा चेहरा.
तेरी तरफ जो नजर उठी
वो तापिशे हुस्न से जल गयी
तुझे देख सकता नहीं कोई
तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं.
उसका चाहा तो मोहब्बत की तारीफ नज़र आयी,
वार्ना इस शब्द की तो सिर्फ तारीफ सुना करते थे।
ममता की तारीफ न पूछिए जनाब
चिड़िया सांप से लड़ जाती है।
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